नौजवानों उन्हें याद

नौजवानों उन्हें याद कर लो जरा।
जो शहीद हो गये इस वतन के लिए।।
जल रही है उन्हीं के लहू से शमां।
दे रही रोशनी जो चमन के लिए।। 
नौजवानों वतन से तुम्हें प्यार है।
तो सूनो शूरवीरों की ये दास्तां।।
राणा, सांगा, शिवाजी, सरीखे बनो।
जुट पड़ो दुश्मनों के दमन के लिए।। 
रानी पद्मावती और दुर्गावती।
रजिया सुल्ताना, झांसी की रानी बनो।।
गुड़िया फैशन की या तितलियाँ मन बनो।
ये सबक हर किसी माँ- बहन के लिए।। 
चन्द्रशेखर, भगतसिंह, बिस्मिल बनो।
वीर अशफाक, अब्दुल, हमीदों जगो।।
जो चुनौती मिले तुम उसे तोड़ दो।
कुछ भी मुश्किल नहीं, बाँकपन के लिए।। 
जो देते लहू वतन को
जो देते लहू वतन को, जो महकाते उपवन को।
उन्हें शत्- शत् प्रणाम मेरे देश का, सौ- सौ सलाम मेरे देश का।। 
धरती को स्वर्ग बनाने, माटी का कर्ज चुकाने।
जो कदम बढ़ा करते हैं, रक्षा का बोझ उठाने।
जो मरकर भी जीते है, जो विष हरदम पीते हैं।। 
जो धीर- वीर व्रतधारी, वे सच्चे देश पुजारी ।।
इतिहास वही रचते हैं, जिनका जीवन उपकारी।
जो दिल में रखें लगन को, वो पूरा करे सपन को।। 
जो हाथ बने निर्माणी, है अमर वही बलिदानी।
जिनकी श्रम बूदें पावन, जैसे गंगा का पानी ।।
संकल्पी जिनका मन हो, आचरणी जिनका तन हो।।
नौजवानों उन्हें याद नौजवानों उन्हें याद Reviewed by Harshit on March 27, 2020 Rating: 5

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