1. देश के बालक-बालिकाओं को सुनागरिक तथा देशभक्त के
रूप में तैयार करने के लिए।
2. बालक/बालिकाओं का सर्वागीण विकास करने के लिए।
3. उन्हें पीड़ितों व जरूरतमंदों के प्रति संवेदना व समाज सेवा
मी प्रकाशन का भाव सिखाने के लिए।
4. उनके चरित्र व संस्कारों में सुदृढ़ता लाने के लिए।
5. अपना काम स्वयं करने की आदत डालने के लिए।
6. खुली हवा व प्रकृति के महत्व को समझाने के लिए।
ई।
7. आलस्य, उदासी व निष्क्रियता दूर करमुस्कुराते
को सदा रहने के प्रशिक्षण के लिए।
8. व्यापक दृष्टिकोण पैदा करने के लिए।
9. शिविर व हाइक द्वारा साहसी जीवन बनाने के लिए।
10.मिलकर काम करने व आपसी समायोजन सिखाने केलिए।
11.सब धर्मों के प्रति समभाव को जगाने के लिए।
12 . युवाओं में आंतरिक अनुशासन पैदा करने के लिए।
13 . सामाजिक कुरीतियों व अन्धविश्वासों को दूर करने के लिए
14. राष्ट्रीय विकास के कार्यों में सक्रिय सहयोग प्रदान करने के
लिए।
15. राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की रैलियों, जम्बूरियों व शिविरों
में सहभागिता द्वारा विश्व बन्धुत्व की भावना का विकास
करने के लिए।
16. आपदा प्रबन्धन सीखकर आपदा के समय प्रभावित नागरिक
की सहायता करने के लिए।
17. पी.टी., आसनव्यायाम व हाइक द्वारा स्वास्थ्य अच्छा
रखने के लिए।
18. बड़ों के प्रति आदर व छोटों के प्रति स्नेह की भावना पैदा
करने के लिए।
19. कम खर्च में जीवन के कार्यों को करने की आदत बनाने के
लिए।
20. मानसिक शांति के लिए।
स्काउटिंग का महत्व
Reviewed by Harshit
on
March 27, 2020
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