इतनी शक्ति हमें देना दाता,
मन का विश्वास कमजोर हो ना।
हम चले नेक रस्ते पे हमसे,
भूलकर भी कोई भूल हों ना।।
मन का विश्वास कमजोर हो ना।
हम चले नेक रस्ते पे हमसे,
भूलकर भी कोई भूल हों ना।।
दूर अज्ञान के हों अंधेरे,
तू हमें ज्ञान की रोशनी दें।
हर बुराई से बचते रहें हम,
जितनी भी दें भली जिंदगी दें।
बैर हो ना किसी का किसी से,
भावना मन में बदले की हो ना।।
तू हमें ज्ञान की रोशनी दें।
हर बुराई से बचते रहें हम,
जितनी भी दें भली जिंदगी दें।
बैर हो ना किसी का किसी से,
भावना मन में बदले की हो ना।।
हम न सोचे हमें क्या मिला हैं,
हम ये सोचें किया क्या है अर्पण।
फूल खूशियों के बाटें सभी को,
सबका जीवन ही बन जाये मधुवन।
अपनी करूणा का जल तू बहाके,
कर दें पावन हर एक मन का कोना।।
अगर हम नहीं देश के
हम ये सोचें किया क्या है अर्पण।
फूल खूशियों के बाटें सभी को,
सबका जीवन ही बन जाये मधुवन।
अपनी करूणा का जल तू बहाके,
कर दें पावन हर एक मन का कोना।।
अगर हम नहीं देश के
अगर हम नहीं देश के काम आये।
धरा क्या कहेगी गगन क्या कहेगा ??
चलो श्रम करें देश अपना संवारे।
युगों से चढ़ी जो खुमारी उतारें।।
अगर वक्त पर हम नहीं जाग पाये।
सुबह क्या कहेगी पवन क्या कहेगा?
मधुर गंध का अर्थ है खूब महके।
पड़े संकटों की भले मार चहके।।
अगर हम नहीं पुष्प सा मुस्कराये।
व्यथा क्या कहेगी चमन क्या कहेगा?
बहुत हो चुका, स्वर्ग भू- पर उतारें।
करें कुछ नया, स्वस्थ सोचें विचारें।।
अगर हम नहीं ज्योति बन झिलमिलाये।
निशा क्या कहेगी भुवन क्या कहेगा।।
धरा क्या कहेगी गगन क्या कहेगा ??
चलो श्रम करें देश अपना संवारे।
युगों से चढ़ी जो खुमारी उतारें।।
अगर वक्त पर हम नहीं जाग पाये।
सुबह क्या कहेगी पवन क्या कहेगा?
मधुर गंध का अर्थ है खूब महके।
पड़े संकटों की भले मार चहके।।
अगर हम नहीं पुष्प सा मुस्कराये।
व्यथा क्या कहेगी चमन क्या कहेगा?
बहुत हो चुका, स्वर्ग भू- पर उतारें।
करें कुछ नया, स्वस्थ सोचें विचारें।।
अगर हम नहीं ज्योति बन झिलमिलाये।
निशा क्या कहेगी भुवन क्या कहेगा।।
इतनी शक्ति हमें देना दाता
Reviewed by Harshit
on
March 27, 2020
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