स्काउट के ध्वज में प्रतीक के रूप में चक्र है जिसमे 24 तीलियाँ है। इसे अशोक चक्र कहा जाता है, क्योंकि यह चक्र सारनाथ स्थित अशोक स्तंभ से लिया गया है। ध्वज के पार्श्व पर भगवा तथा हरा रंग होता है।
यह जामुनी रंग की पृष्ठभूमि का होता है जिसमें सफेद रंग का विश्व स्काउट बचपना होता है सफेद रंग की दूरी का गोल घेरा होता है वह सीधे नीचे की ओर इस नोट से बंधे होते हैं ध्वज के आकार 180 गुड़ 120 तथा अनुपात 3 अनुपात 2 होता है
विश्व स्काउट-ध्वज
विश्व स्काउट-ध्वज को 18वें विश्व स्काउट सम्मेलन-1951 में लिस्बन में
स्वीकार किया गया। ध्वज का आकार संस्था के ध्वज (एसोसिऐशन फ्लैग) की भाँति
3ः2 के अनुपात में होता है। ध्वज का कपड़ा जामुनी रंग का होता है। जिसके
मध्य में 3ः2 के अनुपात का विश्व स्काउट बैज बना होता है।
भारत स्काउट और गाइड ध्वज
15 अगस्त 1961 से भारत स्काउट्स और गाइड्स ध्वज देश की एकमात्र ध्वज है। यह
गहरे आसानी रंग की नीली पृष्टभूमि का होता है। नीला आसमान जिस प्रकार
सम्पूर्ण विश्व को ढके हुए है उसी प्रकार ध्वज का नीला रंग संगठन की
विश्व-व्यापकता का प्रतीक है बीच में स्काउट/गाइड बैज पीले रंग का बना
होता है जिसकी तीन पंखुड़ियां स्काउट/गाइड प्रतिज्ञा की तीन प्रतिबद्धताओं
को प्रतिबिंबित करती है। बैज के मध्यम में बना नीले रंग का अशोक चक्र धर्म
के अनुसार आचरण करने तथा प्रगति-पथ पर आगे बढ़ते रहने का घोतक है। गाइड
त्रिदल सम्मलित ध्वज तथा आकाश में सूर्य के सामान चमकने का प्रतीक है। चक्र
में चौबीस आरे बने होते है जो दिन और रात के चौबीस घंटों को प्रदर्शित
करते हैं। ये चौबीस आरे हमें चौबीस घंटे सतर्क और सावधान रहने का संदेश
देती है। स्काउट चिन्ह के नीचे तीन पंखुड़िया जिन्हें एक सूत्र में बाँधा
गया है जो अनुमान और विश्व बन्धुत्व का प्रतीक है। ध्वज की नाप 3ः2 के
अनुपात में होती है अर्थात लम्बाई 3 हो तो चौड़ाई 2 होगी। संस्था के ध्वज
में बैज की नाप 45गुणा 3 होगी। स्काउट ध्वज फहराने के नियम लगभग
राष्ट्र-ध्वज की भाँति होते है स्काउट/गाइड ध्वज फहराते समय सैल्यूट दिया
जाता है।
विश्व गाइड ध्वज
1930 के विश्व गाइड सम्मेलन में नार्वे की मुख्य गाइड ‘मिस
कैरीआस ’ द्वारा स्वीकार किया गया। ध्वज की नाप 3ः2 के अनुपात में होती है
नीले रंग की पृष्टभूमि में सुनहरा त्रिदल के मध्यम भाग में इसी तरह बनाया
गया है कि मानों नीले आसमान में सूर्य चमक रहा हो। इसकी बैज की पंखुड़िया
में बने दोनों सितारे नियम और प्रतिज्ञा के प्रतीक है, जो हमारे जीवन में
पथ-प्रदर्शन करते है कम्पास की सूई की तरह की रेखा हमें सही दिशा पर चलने
का बोध कराती है। त्रिदल के नीचे की अग्नि ज्वाला इस बात की परिचायक है कि
हमारे मन में सेवा की ज्वाला सदैव धधकती रहे तथा हम विश्व भाई चारा जीवन
पर्यत अपनाते रहें। बैज का गोलाकार घेरा संगठन में प्रवेश हेतु सदैव खुले
मार्ग की ओर प्रदर्शित करता है। ध्वज की गहरी नीली पृष्टभूमि पर सुनहरा
पीला गाइड चिन्ह संसार के बच्चों पर सूर्य की किरणों के समान सुनहरी छाया को दर्शाता है।
ध्वज के नियम
1. विश्व स्काउट/गाइड ध्वज हमारे राष्ट्रीय ध्वज के बांये तथा उससे नीचे होगा, पर भारत स्काउट्स और
गाइड्स ध्वज से ऊँचा व दाहिने होगा।
2. जब ध्वज ले जाया जा रहा हो तो
दाहिने कंधे के ऊपर तिरछा हो तथा दाहिने हाथ से पकड़ा व बन्द हो। जब मार्च
पास्ट में ले जाया जा रहा हो तो दाहिने देखे पर फहरा दिया जायेगा और सामने
देख पर पुनः बन्द की स्थिति में लाया जायेगा। लाठी पर सुन्दर ढंग से लपेटकर
सुनहरी डोरी से बाँधकर भी ले जाया जा सकता है।
3. भारत स्काउट्स / गाइड्स ध्वज राष्ट्रपति , राष्ट्रध्यक्ष तथा राष्ट्रआयुक्त के अतिरिक्त अन्य किसी के लिये नहीं झुकाया जा सकता।
विश्व स्काउट ध्वज
Reviewed by Harshit
on
March 27, 2020
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