लार्ड बेडेन पावेल की पुस्तक ‘स्काउटिंग फॉर ब्वॉयज’ का प्रभाव विश्व के अन्य देशों के साथ- साथ भारत पर भी पड़ा।
जिसके फलस्वरुप भारत में भी स्काउटिंग शुरु करने का प्रयास किया जाने लगा।
सन् 1910 में भारत में स्काउटिंग के आरम्भ होने पर इसमें केवल अंग्रेज तथा एंग्लो इण्डियन बच्चों को ही प्रवेश दिया जाता था।
सन् 1913 में पं. श्रीराम वाजपेयी ने शाहजहाँपुर में भारतीय बचचों के लिए स्काउटों का एक स्वतंत्र दल खोला। सन् 1913 के उपरान्त एक के बाद एक दल खुलने लगे।
सन् 1916 में पूना में लड़कियों को भी पहली बार गर्ल स्काउट
(गाइड)
बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
सन् 1916 में ही डाँ. एनीबेसेंट ने मद्रास में ‘इण्डियन ब्वॉयज स्काउट एसोसिएशन’ की नींव रखी। सन् 1917 में पण्डित मदन मोहन मालवीय ने पं. हृदयनाथ कुँजरू और पं. श्रीराम वाजपेयी के सहयोग से इलाहाबाद में ‘अखिल भारतीय सेवा समिति ब्वॉयज स्काउट एसोसिएशन’ की स्थापना कर दी। सन् 1920 तक तो भारत में सकाउटिंग के कई स्वतंत्र संगठन बन चुके थे।
भारत में स्काउटिंग के प्रणेता=
1847 को लन्दन में हुआ था। इनके माता-पिता
: आयरिश थे। मई 1889 में ये थियोसोफिकल
की सदस्या बनी व सन् 1906 में इस सोसाइटी की
अध्यक्ष बनी। 16 नवम्बर 1893 को श्रीमती एनीबीसेन्ट भारत आई उन्होंने भारत को अपनी मातृभूमि माना। उन्होंने श्रीमद् भगवद गीता का अंग्रेजी अनुवाद किया। उन्होंने भारत की आजादी के आन्दोलन में भाग लिया और जेल भी गई। उन्होंने भारतीय संस्कृति की रक्षा व उत्थान के लिए, पुराणों को ज्ञान का अक्षय भंडार बताया तथा उनका महत्व भारतीयों को समझाया। बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना के
लिएउन्होंने अपने 15 वर्षों से संचालित हिन्दु कॉलेज को . मदन मोहन मालवीय जी को समर्पित करके महत्वपूर्ण योगदान दिया।
1915-16 में डा. ( मिसेज) ने डा. अरुणडेल के
सहयोग से मद्रास में इन्डियन बॉयज स्काउट एसोसिएशन की स्थापना की तथा स्काउट दल खोले।उन्होंने भारत में बच्चों के लिए स्काउटिंग के प्रचार-प्रसार में बड़ा योगदान दिया।
इनकी मृत्यु 1933 में हुई।
भारत में 1909 में स्काउटिंग और 1911 में गर्ल गाइडिंग प्रारंभ हुई पंडित श्रीराम बाजपेई ने वर्ष 1914 में लोक सेवा बालक दल की स्थापना की जिसके अध्यक्ष मालवीय व सचिव हृदयनाथ कुंडली थे सन 1918 में श्रीराम बाजपेई इलाहाबाद के कुंभ मेले में अपने शौक स्वयंसेवकों को लेकर आए और प्रयाग सेवा समिति के साथ मिलकर काम किया उसी समय अखिल भारतीय सेवा समिति के बाद स्काउट की स्थापना की और इलाहाबाद राष्ट्रीय स्तर पर स्काउटिंग और गाइडिंग का केंद्र बन गया
सन् 1916 में ही डाँ. एनीबेसेंट ने मद्रास में ‘इण्डियन ब्वॉयज स्काउट एसोसिएशन’ की नींव रखी। सन् 1917 में पण्डित मदन मोहन मालवीय ने पं. हृदयनाथ कुँजरू और पं. श्रीराम वाजपेयी के सहयोग से इलाहाबाद में ‘अखिल भारतीय सेवा समिति ब्वॉयज स्काउट एसोसिएशन’ की स्थापना कर दी। सन् 1920 तक तो भारत में सकाउटिंग के कई स्वतंत्र संगठन बन चुके थे।
भारत में स्काउटिंग के प्रणेता
भारत में स्काउटिंग के प्रणेता=
1. प. मदन मोहन मालवीय-
पं. मदन मोहन मालवीय का जन्म 25 दिसम्बर 1861 को इलाहाबाद में पं. ब्रजनाथ जी के घर पर हुआ। मालवीय जी एक कुशल राजनीतिज्ञ शिक्षाविद व स्वतंत्रता सेनानी थे। स्वतंत्रता आन्दोलन में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा।
मालवीय जी 1909 से 1918 तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रहे।1912 में सैन्ट्रल लेजिस्लेटिव एसेम्बिली के सदस्य रहे। इन्होंने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना की ।उपनिषद का मंत्र 'सत्यमेव जयते' मालवीय जी के प्रचार-प्रसार के कारण
भारत का आदर्श वाक्य बना। मालवीय जी के सम्मान में भारत सरकार ने डाक टिकट जारी किया। मालवीय जी को भारत सरकार ने पदम् भूषण व भारत रत्न अवार्ड से सम्मानित किया।1918 म प . मदन मोहन मालवीय जी के सझाव पर ही पं. श्रीराम बाजपेयी व डा. हृदयनाथ कुंजरू ने, इनके सहयोग व संरक्षण में
भारतीय बच्चों के लिए इलाहाबाद में सेवा समिति ब्वाय स्काउट एसोसिएशन की स्थापना की। इनके सानिध्य में प्रत्येक कुम्भ मेले में सैकड़ों स्काउट्स सक्रिय सेवाएं प्रदान करते थे।
इनकी मृत्यु 12 नवम्बर 1946 को हुई।
।।।।।।।।
2. डा. हृदयनाथ कुंजरू-
डॉ. हृदयनाथ कुंजरू का जन्म 1 अक्टूबर
1887 को इलाहाबाद में पं. अयोध्यानाथ कुंजरू
के घर में हुआ। ये केन्द्रीय विधानसभा के सदस्य रहे,
व बाद में राज्य सभा के सदस्य रहे । ये राज्यों की सीमा निर्धारण करने वाली समिति के भी सदस्य रहे।
1918 में पं. मदन मोहन मालवीय जी के प्रयास से भारतीय बच्चों के लिए . श्रीराम बाजपेयी के साथ मिलकर सेवा समिति ब्वाय स्काउट एसोसिएशन की स्थापना की। ये सेवा समिति के आजीवन प्रेजिडेन्ट रहे। वर्ष 1952 से 1957 तक भारत स्काउट्स व
गाइडस संस्था के प्रथम नेशनल कमिश्नर रहे।इनकी स्मृति में 1987 में भारत सरकार ने डाक टिकट जारी किया ।
इनकी मृत्यु 03 अप्रेल 1978 को हुई।
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पं. मदन मोहन मालवीय का जन्म 25 दिसम्बर 1861 को इलाहाबाद में पं. ब्रजनाथ जी के घर पर हुआ। मालवीय जी एक कुशल राजनीतिज्ञ शिक्षाविद व स्वतंत्रता सेनानी थे। स्वतंत्रता आन्दोलन में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा।
मालवीय जी 1909 से 1918 तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रहे।1912 में सैन्ट्रल लेजिस्लेटिव एसेम्बिली के सदस्य रहे। इन्होंने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना की ।उपनिषद का मंत्र 'सत्यमेव जयते' मालवीय जी के प्रचार-प्रसार के कारण
भारत का आदर्श वाक्य बना। मालवीय जी के सम्मान में भारत सरकार ने डाक टिकट जारी किया। मालवीय जी को भारत सरकार ने पदम् भूषण व भारत रत्न अवार्ड से सम्मानित किया।1918 म प . मदन मोहन मालवीय जी के सझाव पर ही पं. श्रीराम बाजपेयी व डा. हृदयनाथ कुंजरू ने, इनके सहयोग व संरक्षण में
भारतीय बच्चों के लिए इलाहाबाद में सेवा समिति ब्वाय स्काउट एसोसिएशन की स्थापना की। इनके सानिध्य में प्रत्येक कुम्भ मेले में सैकड़ों स्काउट्स सक्रिय सेवाएं प्रदान करते थे।
इनकी मृत्यु 12 नवम्बर 1946 को हुई।
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2. डा. हृदयनाथ कुंजरू-
डॉ. हृदयनाथ कुंजरू का जन्म 1 अक्टूबर
1887 को इलाहाबाद में पं. अयोध्यानाथ कुंजरू
के घर में हुआ। ये केन्द्रीय विधानसभा के सदस्य रहे,
व बाद में राज्य सभा के सदस्य रहे । ये राज्यों की सीमा निर्धारण करने वाली समिति के भी सदस्य रहे।
1918 में पं. मदन मोहन मालवीय जी के प्रयास से भारतीय बच्चों के लिए . श्रीराम बाजपेयी के साथ मिलकर सेवा समिति ब्वाय स्काउट एसोसिएशन की स्थापना की। ये सेवा समिति के आजीवन प्रेजिडेन्ट रहे। वर्ष 1952 से 1957 तक भारत स्काउट्स व
गाइडस संस्था के प्रथम नेशनल कमिश्नर रहे।इनकी स्मृति में 1987 में भारत सरकार ने डाक टिकट जारी किया ।
इनकी मृत्यु 03 अप्रेल 1978 को हुई।
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3. पं. श्री राम बाजपेयी-
पं. श्रीराम बाजपेयी का जन्म 11 अगस्त ।
1880 को शाहजहांपुर (उ.प्र.) में श्री गयादीन बाजपेयी
।के घर हुआ। ये रेलवे में विभिन्न विभागों में सेवारत रहे।
आपदा प्रबंधनप्राथमिक सहायता व ड्रिल पर आपका एकाधिकार था।
एक बार वे बाजार से सामान खरीद कर लाए । सामान के कागज की पुड़िया में स्काउटिंग के बारे में पढ़ कर प्रेरित हुए और भारतीय बच्चों के लिएभारत में सर्वप्रथम 1913 में शाहजहांपुर में एक स्काउट
दल खोला। . मदन मोहन मालवीय जी के निमन्त्रण पर ये 1918 में इलाहाबाद कुंभ मेले में 100 स्काउट कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचे। उनके सेवाकार्य पर सभी मुग्ध हो गए। 1918 में ही उन्होंने . मदन मोहन
मालवीय जी के सुझावप्रेरणा व सहयोग से डॉ.हृदयनाथ कुंजरू के साथ मिलकर भारतीय बच्चों के लिए सेवा समिति ब्वय स्काउट एसोसिएशन की स्थापना की।
बाजपेयी जी ने 1921 में इलाहाबाद रैली में बेडन पावल व लेडी बेडन पावल को आमन्त्रित किया उस रैली में झंडेवाली घटना से बी पी बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने माना कि भारतीय स्काउट्स भी अन्य देशों
स्काउट्स से कम नहीं है। ये पहले भारतीय स्काउटर थे जिन्होंने गिलविल पार्क (इंग्लैंडमें स्काउट मास्टर प्रशिक्षण प्राप्त किया।इनकी मृत्यु 06 जनवरी 1955 को हुई ।
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1880 को शाहजहांपुर (उ.प्र.) में श्री गयादीन बाजपेयी
।के घर हुआ। ये रेलवे में विभिन्न विभागों में सेवारत रहे।
आपदा प्रबंधनप्राथमिक सहायता व ड्रिल पर आपका एकाधिकार था।
एक बार वे बाजार से सामान खरीद कर लाए । सामान के कागज की पुड़िया में स्काउटिंग के बारे में पढ़ कर प्रेरित हुए और भारतीय बच्चों के लिएभारत में सर्वप्रथम 1913 में शाहजहांपुर में एक स्काउट
दल खोला। . मदन मोहन मालवीय जी के निमन्त्रण पर ये 1918 में इलाहाबाद कुंभ मेले में 100 स्काउट कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचे। उनके सेवाकार्य पर सभी मुग्ध हो गए। 1918 में ही उन्होंने . मदन मोहन
मालवीय जी के सुझावप्रेरणा व सहयोग से डॉ.हृदयनाथ कुंजरू के साथ मिलकर भारतीय बच्चों के लिए सेवा समिति ब्वय स्काउट एसोसिएशन की स्थापना की।
बाजपेयी जी ने 1921 में इलाहाबाद रैली में बेडन पावल व लेडी बेडन पावल को आमन्त्रित किया उस रैली में झंडेवाली घटना से बी पी बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने माना कि भारतीय स्काउट्स भी अन्य देशों
स्काउट्स से कम नहीं है। ये पहले भारतीय स्काउटर थे जिन्होंने गिलविल पार्क (इंग्लैंडमें स्काउट मास्टर प्रशिक्षण प्राप्त किया।इनकी मृत्यु 06 जनवरी 1955 को हुई ।
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4. डा. (श्रीमती) एनीबीसेन्ट-
डॉ. (श्रीमती) एनीबीसेन्ट का जन्म 01 अक्टूबर1847 को लन्दन में हुआ था। इनके माता-पिता
: आयरिश थे। मई 1889 में ये थियोसोफिकल
की सदस्या बनी व सन् 1906 में इस सोसाइटी की
अध्यक्ष बनी। 16 नवम्बर 1893 को श्रीमती एनीबीसेन्ट भारत आई उन्होंने भारत को अपनी मातृभूमि माना। उन्होंने श्रीमद् भगवद गीता का अंग्रेजी अनुवाद किया। उन्होंने भारत की आजादी के आन्दोलन में भाग लिया और जेल भी गई। उन्होंने भारतीय संस्कृति की रक्षा व उत्थान के लिए, पुराणों को ज्ञान का अक्षय भंडार बताया तथा उनका महत्व भारतीयों को समझाया। बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना के
लिएउन्होंने अपने 15 वर्षों से संचालित हिन्दु कॉलेज को . मदन मोहन मालवीय जी को समर्पित करके महत्वपूर्ण योगदान दिया।
1915-16 में डा. ( मिसेज) ने डा. अरुणडेल के
सहयोग से मद्रास में इन्डियन बॉयज स्काउट एसोसिएशन की स्थापना की तथा स्काउट दल खोले।उन्होंने भारत में बच्चों के लिए स्काउटिंग के प्रचार-प्रसार में बड़ा योगदान दिया।
इनकी मृत्यु 1933 में हुई।
भारत में 1909 में स्काउटिंग और 1911 में गर्ल गाइडिंग प्रारंभ हुई पंडित श्रीराम बाजपेई ने वर्ष 1914 में लोक सेवा बालक दल की स्थापना की जिसके अध्यक्ष मालवीय व सचिव हृदयनाथ कुंडली थे सन 1918 में श्रीराम बाजपेई इलाहाबाद के कुंभ मेले में अपने शौक स्वयंसेवकों को लेकर आए और प्रयाग सेवा समिति के साथ मिलकर काम किया उसी समय अखिल भारतीय सेवा समिति के बाद स्काउट की स्थापना की और इलाहाबाद राष्ट्रीय स्तर पर स्काउटिंग और गाइडिंग का केंद्र बन गया
भारत में स्काउटिंग का प्रारम्भ
Reviewed by Harshit
on
March 27, 2020
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