एक लोमड़ी बड़ी सयानी, दो बच्चों की थी वह नानी
तीन दिनों से भूखी प्यासी, चार दिनों तक रही उपासी
पांचवें दिन वह जंगल आई, छः बार घूमी ललचायी
सात देखकर गुच्छे सुंदर, आठ बार वह उछली ऊपर
नवीं बार में थक कर चूर, दसवीं बार होके मजबूर
चली गई वह कहते-कहते, खट्टे होते हैं अंगूर
एक लोमड़ी बड़ी सयानी, एक लोमड़ी बड़ी सयानी
तीन दिनों से भूखी प्यासी, चार दिनों तक रही उपासी
पांचवें दिन वह जंगल आई, छः बार घूमी ललचायी
सात देखकर गुच्छे सुंदर, आठ बार वह उछली ऊपर
नवीं बार में थक कर चूर, दसवीं बार होके मजबूर
चली गई वह कहते-कहते, खट्टे होते हैं अंगूर
एक लोमड़ी बड़ी सयानी, एक लोमड़ी बड़ी सयानी
एक लोमड़ी बड़ी सयानी
Reviewed by Harshit
on
March 29, 2020
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